नैनीताल । हाईकोर्ट ने राज्य की त्रिवेंद्र रावत सरकार को आदेश दिया है कि वो उद्योगपति गुप्ता बंधुओं के वो उन 4 करोड़ रुपये में से ढाई करोड़ रुपये वापस करे, जो उन्होंने अपने परिवार की शादी के दौरान बुग्याल को नुकसान न होने की जमानत के तौर पर सरकार के पास जमा करवाए थे । इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि शाही शादी से पर्यावरण को कितना नुकसान हुआ। मामले की अगली सुनवाई फरवरी में होगी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायामूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
विदित हो कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सरकार को आदेश दिए कि वह नुकसान के एवज में सरकार के पास जमा गुप्ता बंधुओं की 4 करोड़ की धनराशि में से ढाई करोड़ रुपये उन्हें वापस करे। कोर्ट ने पर्यावरण नुकसान मामले में सुनवाई के लिए शीतकालीन अवकाश के बाद फरवरी की तिथि नियत की है।
असल में गुप्ता बंधुओं के अपने बेटों की शाही शादी में बुग्यालों को संभावित नुकसान के एवज में यह राशि जमा कराई थी। असल में काशीपुर निवासी अधिवक्ता रक्षित जोशी की ओर से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि उत्तराखंड के औली बुग्याल में 18 से 22 जून 2019 तक गुप्ता बंधुओं की बेटों की भव्य शादी का आयोजन हुआ। इसमें 400 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की गई।
इस दौरान मेहमानों को लाने ले जाने के लिए जहां 200 हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया है , वहीं इस दौरान कई ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया गया , जो प्रकृति के लिए हानिकारक हैं। उनका कहना था कि मेहमानों को लाने ले जाने वाले इन हेलीकॉप्टरों से पर्यावरण के साथ ही बुग्यालों और क्षेत्र में रहने वाले जंगली जानवरों को भी खतरा हुआ।
याचिकाकर्ता का कहना था कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की एकलपीठ की ओर से दिए गए आदेशों की अवहेलना की। एकलपीठ ने पहाड़ी क्षेत्रों के बुग्यालों आदि में किसी भी प्रकार की गतिविधि पर प्रतिबंध लगाया था।